Ambar ki ye unchayi sagr ki ye gahrai
tere man mai hai samai mai o mai
tera man amrit ka payala yahi kaba yahi shaiwala
teri mamta jiwan dai mai o mai
jab chahe to tere sath rahu mai banke tera hum jholi
tere hath na aau chhup jau u khelu aankh micholi
pariyo ki kahani sunaye koi mithi lori gaye
kar de sapne sukh dayi mai o mai
sansar ke tane bane se ghabrata mai man mera
in jhute riste nato mai bus payr hai sacha tera
sab dukh sukh dhal jaye teri bate jo mil jaye
mil jaye sari khudyi mai o mai
phir koi sharat ho mujhse naraj karu mai tujhko
phir gal pe thapi mar ke tu sene se lagale mujhko
bachpan mai bhi apyas bujha de apne hatho se jo mujhe khila de
jaro ki thandi rate me mai der se jab ghar aao
halki si dastak par apni jagta hu mai palu
sardi se thithar jaye thanda bister aapnaye
mujhko de kar garam rajayi mai o mai....!!
tere man mai hai samai mai o mai
tera man amrit ka payala yahi kaba yahi shaiwala
teri mamta jiwan dai mai o mai
jab chahe to tere sath rahu mai banke tera hum jholi
tere hath na aau chhup jau u khelu aankh micholi
pariyo ki kahani sunaye koi mithi lori gaye
kar de sapne sukh dayi mai o mai
sansar ke tane bane se ghabrata mai man mera
in jhute riste nato mai bus payr hai sacha tera
sab dukh sukh dhal jaye teri bate jo mil jaye
mil jaye sari khudyi mai o mai
phir koi sharat ho mujhse naraj karu mai tujhko
phir gal pe thapi mar ke tu sene se lagale mujhko
bachpan mai bhi apyas bujha de apne hatho se jo mujhe khila de
jaro ki thandi rate me mai der se jab ghar aao
halki si dastak par apni jagta hu mai palu
sardi se thithar jaye thanda bister aapnaye
mujhko de kar garam rajayi mai o mai....!!
तुझे खोना नहीं चाहता था माँ
ReplyDeleteज़िन्दगी मे बहुत कुछ पाया और बहुत चीज खोया
लेकिन तुझे खोना नहीं चाहता था माँ
ज़िन्दगी ने कभी हसाया और कभी रुलाया
लेकिन तुझे रुलाना नहीं चाहता था माँ
याद आती है बहुत तेरी बचपन की वो लोरी
इसी लिए तेरी गोद के इलावा कही और सोना नहीं चाहता माँ
कितना डाटा था तूने बचपन मे
अब क्यों नहीं डाटती तू मुझे माँ
कैसे ज़िंदा रह पाउँगा मै तेरे बगैर
कभी फुर्सत मिले मुझे तू ये तो बता माँ
ज़िन्दगी तूने तो मेरी रौशन कर दी
लेकिन खुद किस अँधेरे मे खो गयी तू माँ
कभी तो खिला मुझे अपने हाथो की रोटी
आज कल भूख बहुत मुझे लगती है माँ
कहा हो तुम आकर, लागलो गले इस बेबस सरफेराज को
न जाने किस कश मे निकल जाये मेरी साँस माँ
सरफराज अहमद
मुझको छाओ मे रखा, और खुद चलता रहा है धुप मे !
ReplyDeleteमैंने देखा है एक फरिश्ता बाप के रूप मे !
माँ की गोद से कबर की दिवार तक जिंदगी के हर पहलु पे नज़र डाल के देखा !
तब जा कर समझ आया के खुदा के सेवा कोई काम नहीं आता !
इंसान भी अजीब मिजाज का है जो उसकी तबियत को समझे वो अच्छा लगता है !
जो उसकी नियत को समझे वो बुरा लगता है !
बाप वो आजिम हंसती है जिसके पसीने की एक बून्द की कीमत भी अवलाद अदा नहीं कर सकती है !
जानते हो मोहब्बत क्या है हर उस बात को नज़र अंदाज़ करना जिससे तालुक टूट जाने का अंदेशा हो !
बाज़ लोग इतने बहादुर होते है की अगर उनकी ज़िन्दगी मे गम भर जाये
तो उनके कहकहो म शिदत आजाती है बुरी नजर लग जाये तो अच्छी किस्मत भी साथ नहीं देती !
बोलना तो सबको आता है किसी का दिमाग बोलता है किसी का एख़लाक़ और किसी की जुबान !
बेटियों को हमेशा कहा जाता है के सियानी बनो क्योंकि तुम्हे दूसरे घर जाना है !
लेकिन कभी बेटों को क्यों नहीं कहा जाता के सयाने बनो
कोई तेरे लिए अपना घर छोर्ड कर आयी है !
इंसान सबसे ज़्यादा मुहब्बत के नाम पर बिकता है !
और सबसे महंगी इंसान को मोहब्बत ही पड़ती है !
अकल छोटी होजाये तो ज़ुबान लम्बा होजाती है
वक़्त बहुत ज़ालिम है तजुर्बे दे कर मस्सोमियत छीन लेती है !
अफ़सोस की बात जानते हो क्या है
हमारे हाँ गैरत के नाम पर सिर्फ अपनी बहन क़तल की जाती है !
दुसरो की बहनो की हम
वीडियोस बनाते है किसी को दुःख देना एक क़र्ज़ है जो आपको किसी और के हाथो मिलेगा !
इज़्ज़त औरत को दिए जाने वाले तोहफों मे सबसे अहम् तोहफा होता है !मगर इतना कीमती तोहफा देना
हर मर्द की बस की बात नहीं आम तौर पर यादें निढाल करती है !
मगर एक याद ऐसी है जो निहाल करती है और वो है खुदा की याद
वक़्त की दोस्ती तो हर कोई करता है!
मजा तो तब है जब वक़्त बदल जाये
पर दोस्त न बदले फ़िक्र न करो मैँ हर मुश्किल मई तुम्हारे साथ हूँ !
लेकिन माज़रत के साथ ये जुमला अक्सर वो लोग बोलते है !
जो वक़्त पड़ने पर कभी भी मौजूद नहीं होते इंसान कितना ही
गुनहगार क्यों न हो खुदा हमेशा उससे मेरा बन्दा कह कर ही पुकारता है
और मायूसी से बचता है आज कल लोग अपना आधा वक़्त
अनजान लोगो को इम्प्रेस करने मे और आधा वक़्त अपनों को
इग्नोर करने मे गुज़ार देते है बाबा कहते है दुःख तो रूहानियत की सीढ़ी है
इनसे मत घबराओ खुसी मनाओ के उस मेहरबान रब ने तुम्हे चुन लिया है
अगर तनक़ीद ही करनी हो तो नरम लहजे से कीजिये क्योंकि नरम लहजे
जमीर जगाता है जबकि सख्त लहजा आना को जगा देता है
दुसरो को अपने बारे मई सफइया देकर अपना वक़्त जाया न कीजिये
लोग उतना ही समझते है जितनी उनकी अवकात होती है
किसी को इतना मजबूर नहीं करना चाहिए के वो अपनी ख़ामोशी तोर्ड कर
लफ्ज़ो से तुम्हारी धजिया उड़ा दे जब कोई दिल दुखता है
तो मैं चुप रहना पसंद करता हु शायद मेरे जवाब से बेहतर
वक़्त का जवाब होगा इतना करो के जब खुद पे आजाये
तो बर्दाश्त कर सको कुछ लोग आंसुओ की तरह होते हैक्योंकि पता ही नहीं चलता
की साथ दे रहे है या साथ छोर्ड रहे है नसीब का लिखा मिल कर ही रहता है
कब कहा और कैसे ये सिर्फ खुदा ही जानता है खुश नसीब वो नहीं
जिसका नसीब अच्छा है बल्कि खुश नसीब वो है जो अपने नसीब पर खुश है
तीन रिश्ते बेनक़ाब होजाते है बुरड़पा मई अवलाद मुसीबत मे दोस्त
और ग़ुरबत मे बीवी कदर करनी है तो जिंदगी मे करो
चहरे से क़फ़न उठाते वक़्त तो नफरत करने वाले भी रो पड़ते है
अच्छे होते है बुरे लोग क्योंकि के वो अच्छा होने का दवा नहीं करते है कागज की कश्ती थी
मिटटी का किनारा था खेलने की मस्ती थी और दिल ये आवारा था
कहा आगए इस समझदारी की दल दल मे वो नादान बचपन ही
कितना प्यारा था
Sarferaz Ahmad
कभी कभी सचमुच दिल के जज़्बात को लफ्ज़ो में बयां करना मुश्किल होजाता है !
ReplyDeleteलेकिन जाने क्यों जब दिल तुमसे कुछ कहना चाहता है.......
मेरे लिए तुम्हारी क्या अहमियत है यह बताना चाहता हु !
तो खत से बढिया तरीका कोई और नहीं याद आता है !
मुझको कहा मालूम था की मेरी ज़िन्दगी मुझ पर एक दिन इतनी मेहरबान होगी !
मेरा मुलाकात तुम जैसी लड़की से करवाएगी !
एक ऐसी लड़की से जिससे मेरी खुबिया पे तो फख्र होगी ही !
मेरी कमिया पे भी होगी कोई एतराज़ नहीं जिससे सिर्फ मुझसे प्यार होगा !...
उसको तो सिर्फ मतलब होगा मेरे जज़्बात से मेरे साथ से !
हा मुझे कहा मालूम था की मै ईश्वर से एक बूँद मांगू तो रिम झिम बरसात होगी !
एक फूल मांगू तो खुशबू की कयामत मिलेगी !
एक आवाज़ दू तो कंधे पर तुम्हारा मुलयम हाथ मिलेगा !
पल दो पल की बात नहीं जीवन जीवन भर का साथ मिलेगा !
सरफेराज अहमद
एक लड़की बुर्खा पहन कर पढ़ने जाती थी !
ReplyDeleteरस्ते में एक लड़का उससे कहता था !
ऐ लड़की अपने रुख्से पर्दा हटा !
मेरी मोहब्बत कबूल कर जरा जलवा दिखा !
रोज़ लड़का यही कहता मगर लड़की चुप चाप चली जाती !
आखिर में लड़का ने फिर कहा !
ऐ लड़की अपने रुख से पर्दा हटा !
मेरी मुहब्बत कबूल कर जरा जलवा दिखा !
वरना मै खुदखुशी कर लूंगा !
लड़की इस बार भी कुछ नहीं बोली !
अगले दिन से वो लड़का वह दिखाई नहीं देता था !
फिर एक दिन लड़की ने कहा के एक बूढ़े से !
पूछा की वह लड़का कहा है !
तो बूढ़े ने कहा की वो तो खुद ख़ुशी कर लिया !
लड़की ने कहा आप मुझे उसके कब्र को दिखा सकते है !
बूढ़े ने उससे कब्र के पास पहुंचा दिया !
लड़की रुख से पर्दा हटा कर कहती है !
ऐ मेरे गुमनाम आशिक ले रुख से पर्दा हटा दिया !
जी भर कर मेरा दीदार कर !
तो कब्र से आवाज़ आती है !
ऐ मेरे खुदा ये तेरा कैसा इंसाफ है !
आज मै परदे में हु और वो बेनकाब !
सरफेराज अहमद
मै कहता हु अपने आप को पहचानो !
ReplyDeleteदुनिया में जो कुछ है वह सब तुम्हारा लिए है !
दिल से डर और खौफ बिलकुल निकल दो !
दरियाओं में कूद पडो लहरों से लड़ो !
चट्टानों से टकरा जाओ क्योंकी !
जिंदगी फूल की सिच नहीं मैदाने जंग है !
सरफेराज अहमद
मै कहता हु अपने आप को पहचानो !
ReplyDeleteदुनिया में जो कुछ है वह सब तुम्हारा लिए है !
दिल से डर और खौफ बिलकुल निकल दो !
दरियाओं में कूद पडो लहरों से लड़ो !
चट्टानों से टकरा जाओ क्योंकी !
जिंदगी फूल की सिच नहीं मैदाने जंग है !
सरफेराज अहमद
ऐ कलम रुक जा मुहब्बत का मक़ाम है !
ReplyDeleteतेरी नीब के निचे मेरे जिगर का नाम है !
सरफेराज अहमद
❣️Abhi khoya nhi hu Teri Yaad me ...
ReplyDeleteFaqat khud ko paya hai bas Teri Yaad Mai ....
❣️Tu Jo Na hota To sukoou Jane Kaha hota..
Ha Tu nhi janta Jo Tu Mila mujhe Teri Yaad me.
❣️Tujhe u sochna bhi ab nafa bakhs Lagta nhi mujhe....
Akhir Tu Jo Pasand krta nhi u Mera Hona Teri Yaad me.....
❣️Mere liye Tu Lahasil hi Sahi magar.....
Acha lgta h tera mil Jana U Teri Yaad me....
❣️Haa toot jata hu aksar janta hu Mai......
Magar Acha lgta h Mera wo judna bhi Teri Yaad me.....
❣️Tujhe malooom hi nhi h zamane ke mukhalifin Ka Firdous....
Log Khair khua kehte h jinko wo rehne dete nhi mujhko Teri Yaad me...