हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते,
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते !
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो,
जो लहरों में तो डूबे हैं मगर संग बह नहीं सकते !



                       Written by
                     Dr. Kumar Vishwas
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