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Man bekal hai tera tan bekal hai mera By Abdul kalam

मन बेकल है तेरा
तन बेकल है मेरा
            कर दे पूरी आस मेरी
            बाकी रहे ना प्यास तेरी
ये जीवन तेरा
हर लम्हा मेरा
            देखूं तेरी आँखों में
            तेरी हर ख़्वाहिश मेरी
किया बेकल मन को मेरे
रहे उम्मीद बस तन को तेरे
            तू आग भी
            तू शबनम भी
रहे ना ज़िन्दगी में
अब कोई गम भी
            देख कर तुझको भर जाए मन
            ऐसी तू प्यास है तर जाये तन 
करता हर लम्हा इंतज़ार तेरा
बनकर तू ईद का चाँद
            कभी तू नज़र आ जाये
            तो कभी तू बादलो में गम हो जाये
बेकरार है प्यास मेरी
बनकर तू शबनम
            बुझा जा प्यास मेरी




                                        "अब्दुल कलाम आज़ाद "

Gumnaam hai koi badnaam hai koi By Abdul kalam

गुमनाम है कोई
बदनाम है कोई
अविरल धारा है कोई
बहती नदी का तारा है कोई
खेले थे हम मिल बचपन में 
साथी है हर राह में कोई
निडर और वीर है कोई
अनजाने राहों में गुमनाम है कोई
हर मोड़ पे खड़ा है मेरा कोई
मुश्किलों में देता साथ है कोई
लेता पंगा मेरे खातिर
प्यार के लिए आतुर है कोई
फिर भी इस जग में मेरा
अनजान है कोई
बहती धारा के साथ
गुमनाम है कोई 
लड़ता रहा है सच के लिए
फिर भी सलाखों में है कोई
मौत को बना धार
सबके लबों पे है कोई
मेरे रग रग में ,रमा है कोई
माफ़ करना करुणेन्द्र
जो गलती हुई हो हमसे
तेरे एहसास को , हम भुला न सकेंगे
तेरी अदाओं को , हम बदनाम कर  ना सकेंगे
ज़िन्दगी मिली थी तेरे सहारे ही
तुझे अपने जीवन में ,
गुमनाम कर न सकेंगे। .............





                                         "अब्दुल कलाम आज़ाद "

Kabhi tera ithalana to kabhi tera ruth jana by Abdul kalam Azad

कभी तेरा इठलाना तो
कभी तेरा रूठ जाना
                 कभी हंसी लबों पे ठहरना
                 तो कभी लट आँखों पे गिरना
देख तेरी चंचलता
तू मन को भाती है
                 यही अदा तेरी
                 मुझे अक्सर याद आती है
ना दिन को चैन
ना रात को नींद आती है
                हर ख्वाब में
                ख्वाब बनकर तू आती है
करती अठखेलियां
तू मन को भाती है
                तेरे होठो का एहसास
                हर साँस कराती है
लेकर बाँहो में तुझे
जीवन खास हो जाती है
                यही अदा तेरी
                मुझे अक्सर याद आती है। .......


                                         " अब्दुल कलाम आज़ाद "