नज़र में शोखि़याँ लब पर मुहब्बत का
तराना है
मेरी उम्मीद की जद में अभी सारा जमाना
है
कई जीतें हैं दिल के देश पर मालूम है मुझको
सिकंदर हूँ मुझे इक रोज़ ख़ाली हाथ जाना है
Written by
Dr. Kumar Vishwas