वो नज़ारे जो कभी शौक ए तम्मना थे मुझे,
कर दिए एक नज़र मे ही पराये उस ने ,
रंगे-दुनिया भी बस अब स्याह और सफ़ेद लगे,
मेरी दुनिया से यूँ कुछ रँग चुराए उस ने …..!




         Written by 
                          Dr. Kumar Vishwas 
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